Dilip Surana success story : 400 करोड़ में बिके सिर्फ डोलो टैबलेट, अब खरीदा करोड़ों का आलीशान घर


Dilip Surana success story : बुखार की मशहूर दवा डोलो 650 बनाने वाली दवा कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप सुराणा (माइक्रो लैब्स के एमडी दिलीप सुराना) इन दिनों बेंगलुरु में एक महंगा घर खरीदने को लेकर सुर्खियों में हैं।
दिलीप सुराणा के पिता जीसी सुराणा 1973 में नौकरी की तलाश में राजस्थान से बेंगलुरू आ गए। यहां उन्होंने अकाउंटेंट का काम किया। कुछ समय बाद जीसी सुराणा दिल्ली बेस्ट फार्मास्युटिकल कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर बन गए। उन्होंने जल्द ही यह नौकरी छोड़ दी और माइक्रो लैब्स नाम से अपनी खुद की कंपनी शुरू की। शुरुआत में कंपनी केवल 5 उत्पादों का निर्माण कर रही थी। जीसी सुराणा क्वालिटी को बहुत महत्व देते थे। इस कारण वे मात्रा को अधिक महत्व नहीं देते थे।
दिलीप ने माइक्रो लैब को नई ऊंचाई दी
दिलीप सुराणा ने 1983 में अपने पिता के व्यवसाय में मदद करना शुरू किया। उनके सपने बड़े थे। वे माइक्रो लैब के उत्पादों को पूरे भारत में वितरित करना चाहते थे। उन्होंने गुणवत्ता से समझौता किए बगैर कंपनी के काम का विस्तार किया। नए उत्पाद लॉन्च किए। कंपनी अपनी बेहतर गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध हुई। अब दिलीप सुराणा और उनके भाई आनंद सुराणा माइक्रो लैब चला रहे हैं। माइक्रो लैब की 17 फैक्ट्रियां हैं और इसका कारोबार 50 देशों में फैला हुआ है। इस फार्मा कंपनी का सालाना रेवेन्यू अब 4,000 करोड़ रुपए है। सुराना फैमिली की नेटवर्थ अब 26,600 करोड़ रुपए है।
डोलो ने 1 साल में की 400 करोड़ की बिक्री
कोरोना महामारी के दौरान माइक्रो लैब्स कंपनी खूब चर्चा में रही। महामारी के दौरान कंपनी के पेरासिटामोल ब्रांड डोलो 650 की अच्छी बिक्री हुई। 2020 में, कंपनी ने 400 करोड़ रुपये के केवल 650 डोलो बेचे। कंपनी को पहचान दिलाने में डोलो का बड़ा हाथ है। माइक्रो लैब्स हृदय, मधुमेह की दवाओं के साथ-साथ दर्द निवारक दवाओं का निर्माण करती है।