success story of raghunandan : पिता चलाते हैं फ्रूट स्टॉल, बेटे ने खड़ी कर दी 400 करोड़ की कंपनी


success story of raghunandan : यह सफलता की कहानी बन जाती है, जिसमें संघर्ष और सफलता के बीच का फासला लंबा होता है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी नेचुरल आइसक्रीम उत्पाद की ब्रांडिंग है।
success story of raghunandan : यह सफलता की कहानी बन जाती है, जिसमें संघर्ष और सफलता के बीच का फासला लंबा होता है। ऐसी ही एक सफलता की कहानी नेचुरल आइसक्रीम उत्पाद की ब्रांडिंग है। कर्नाटक के एक छोटे से गांव के एक फल विक्रेता के बेटे ने सपनों के शहर मुंबई में आकर कारोबार शुरू करने का फैसला किया। डर और हिचकिचाहट से शुरू हुआ उनका आइसक्रीम का कारोबार आज 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का मार्केट कैप हो गया है।
रघुनंदन श्रीनिवास कामत के पिता कर्नाटक के मैंगलोर जिले के एक गांव में आम बेचते थे। उसने अपने पिता से सीखा था कि कैसे सही फल को चुनना और उसका संरक्षण करना है। कई साल पिता के पास रहे और फल तोडऩा और संभालना सीखा, फिर कारोबार करने के इरादे से बंबई आ गए। रघुनंदन ने 14 फरवरी 1984 को अपना पहला आइसक्रीम ब्रांड नेचुरल लॉन्च किया और जुहू, मुंबई में पहला स्टोर खोला। उस वक्त उनकी कंपनी में सिर्फ 4 कर्मचारी थे और उन्होंने 10 फ्लेवर वाली आइसक्रीम से बिजनेस शुरू किया था।
पहले व्यापार का डर
कामत शुरू में इस बात को लेकर आशंकित थे कि क्या लोग उनकी आइसक्रीम का स्वाद टेस्ट करने आएंगे। इस आशंका के कारण, उन्होंने शुरू में पाव भाजी को मुख्य उत्पाद के रूप में आइसक्रीम के बजाय मुख्य उत्पाद के रूप में बेचना शुरू किया और आइसक्रीम को ऐड-ऑन के रूप में पेश किया। बाद में, उन्होंने 12 अलग-अलग स्वादों के साथ पूर्ण आइसक्रीम पार्लर के रूप में स्टोर खोला।
अब अरबों का एक ब्रांड
कामत ने करीब 4 दशक से अपनी आइसक्रीम की खासियत यह है कि इसमें कोई रंग या केमिकल नहीं मिलाया गया है। कामत की आइसक्रीम पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों पर निर्भर है। केपीएमजी ने अपने सर्वे में कहा कि नैचुरल देश के शीर्ष 10 ब्रांडों में शामिल था, जिसका ग्राहक अनुभव के लिए मूल्यांकन किया गया था। वित्त वर्ष 2020 में नेचुरल्स ने करीब 300 करोड़ का कारोबार किया था, जो 2022 में बढ़कर 400 करोड़ हो गया है।
पहले साल में ही 5 लाख का टर्नओवर
जुहू में 200 वर्ग फुट में अपना पहला स्टोर खोलने वाले कामत ने पहले साल में 5 लाख रुपये का कारोबार किया। आइसक्रीम की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए उन्होंने अगले ही साल पावभाजी का बिजनेस बंद कर दिया और आइसक्रीम ब्रांड के तौर पर अपनी पूरी पहचान बना ली। आज नेचुरल्स फ्रोजन डेजर्ट्स को 5 फ्लेवर में पेश कर रहा है। इसमें सीताफल, काजू-अंगूर, आम, चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी होती है। 2021 तक, नेचुरल्स ने देश भर के विभिन्न शहरों में 135 से अधिक आउटलेट खोले हैं।
रघुनंदन का नैचुरल्स ब्रांड आज अपनी पत्नी अन्नपूर्णा और बेटों सिद्धांत और श्रीनिवास के साथ लगभग 125 कर्मचारियों के साथ एक दिन में 20 टन आइसक्रीम बनाता है। एक समय में उनके परिवार की मासिक आय 100 रुपये से भी कम थी और 7 भाई-बहनों में सबसे छोटे कामत ने परिवार की तकदीर बदलने का बीड़ा उठाया। 37 साल की उम्र में व्यवसाय शुरू करने का साहस रखने वाले कामत ने बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद व्यवसाय में हाथ आजमाने का फैसला किया और अपने दृढ़ संकल्प से इसे सफल बनाया।
फल, चीनी, दूध और मां यूएसपी हैं
कामत ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके ब्रांड की यूएसपी फल, चीनी, दूध और मां है। स्वाद बढ़ाने की तरकीब अपनी मां से सीखी और अपने उत्पादों में प्राकृतिक चीजों का ही इस्तेमाल किया। नेचुरल्स की मार्केटिंग टैगलाइन ‘टेस्ट द ओरिजिनल’ भी रही है। अब नेचुरल्स पार्लर आइसक्रीम ही नहीं बल्कि हलवा, लड्डू जैसी मिठाइयां भी देता है। इसकी खासियत यह है कि ये सभी उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बने हैं।