Success Story of Ravindran Founder of BYJU : CAT परीक्षा में 2 बार 100% लाने के बावजूद नौकरी नहीं मिली, रवींद्रन ने BYJU कंपनी बनाई, आज 30 हजार करोड़ के हैं मालिक


Success Story of Ravindran Founder of BYJU : ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म BYJU’s एक बार फिर सुर्खियों में है। ईडी ने कंपनी के फाउंडर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. उन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
Success Story of Ravindran Founder of BYJU : ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म BYJU’s एक बार फिर सुर्खियों में है। ईडी ने कंपनी के फाउंडर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. उन पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। इससे पहले 2023 की शुरुआत में बायजू तब भी चर्चा में आया था, जब कंपनी ने एक साथ 1,500 लोगों को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था। BYJU के बिजनेस को लेकर भले ही कुछ आरोप-प्रत्यारोप लगे हों, लेकिन कंपनी की शुरुआत और सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है।
दरअसल, कंपनी के संस्थापक रवींद्रन शुरू से ही काफी मेधावी थे और ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कैट की परीक्षा भी पास कर ली। कैट की परीक्षा में 100 फीसदी अंक लाने के बावजूद रवींद्रन ने एक बार नहीं बल्कि 2-2 बार नौकरी से मुंह मोड़ा और खुद की कंपनी शुरू कर दी. रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने 2015 में BYJU की शुरुआत की और धीरे-धीरे अपने प्लेटफॉर्म बिजनेस को बढ़ाया।
पहले व्यापार करता था
रवींद्रन ने अपना पहला बिजनेस BYJ से शुरू नहीं किया था। केरल के अज़ीकोड गांव में जन्मे रवींद्रन ने कन्नूर के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक पूरा करने के बाद कैट परीक्षा में दो बार 100 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद मैंने कुछ समय काम भी किया, लेकिन काम शुरू करने की इच्छा के चलते मेरा यहां कुछ मन नहीं लगा। आखिरकार नौकरी छोड़ दी और 2007 में अपनी खुद की कंपनी शुरू की। यह कंपनी कैट के परीक्षार्थियों की मदद करती है और परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग मुहैया कराती है।
पत्नी भी कम नहीं
रवींद्रन न केवल बिजनेस माइंडेड हैं, बल्कि उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने 2011 में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी शुरू की। 4 साल बाद उन्होंने बैजू का मेन ऐप लॉन्च किया। फोर्ब्स के मुताबिक बायजू में रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या और भाई रिजू रविंद्रन की बड़ी हिस्सेदारी है। रवींद्रन ने 2020 में एक सामाजिक पहल ‘एजुकेशन फॉर ऑल’ की शुरुआत की। मिशन का लक्ष्य 2025 तक देश में 50 लाख बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना है।
कई बड़े प्लेटफॉर्म खरीदे
बायजू ने मुंबई स्थित कोडिंग प्लेटफॉर्म व्हाइटहैट जूनियर का अधिग्रहण किया, जो बच्चों को कोडिंग सिखाने का काम करता है। इसके अतिरिक्त, रवींद्रन के नेतृत्व में बैजू ने जुलाई 2021 में सिंगापुर स्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टॉपर (टॉपर) का अधिग्रहण किया। इसके बाद, बैजू ने एक ऑफ़लाइन परीक्षा तैयारी समूह, आकाश एजुकेशन सर्विसेज का भी अधिग्रहण किया। इस प्रकार रवींद्रन शिक्षा के हर क्षेत्र में एक ब्रांड बन गए हैं।
अब कितने संपत्ति के मालिक हैं?
रवींद्रन न केवल एक शिक्षा ऐप के संस्थापक हैं बल्कि एक अच्छे और सफल निवेशक भी हैं। एक शिक्षक होने के साथ-साथ वे एक सफल उद्यमी भी हैं। फोर्ब्स के मुताबिक, रवींद्रन की नेटवर्थ पर नजर डालें तो उन्होंने अब तक कुल 3.6 अरब डॉलर यानी करीब 30,000 करोड़ रुपए कमाए हैं। भारतीय अरबपतियों की वैश्विक सूची पर नजर डालें तो उनका परिवार 994वें नंबर पर है। रवींद्रन ने पिछले 3 साल में अरबपतियों की लिस्ट में 1,005 पायदान की छलांग लगाई है।